सतुआन बिहार और भोजपुरिया लोगों का लोक पर्व --अंकित मिश्रा राष्ट्रवादी


गोरखपुर।आज से सतुआन और बगँला नव वर्ष प्रारम्भ  हो रहा है. बंगाल मे इसे पोइला बैशाख, चडक पूजा कहा जाता है. इसी दिन तमिल नववर्ष, केरल में विशु, उडीसा मे मेष संक्राति, मणिपुर मे चेइरोबा, सती अनुसूया जयन्ती के रूप में मनाई जाती है. गणेश चतुर्थी होने के कारण चन्द्र को दुध का अर्घ्य रात 9 बजकर 3 मिनट पर दिया जाऐगा. इस दिन एक महासंयोग बन रहा है जिसमें सर्वार्थसिद्धि योग, गुड फ्राइडे और अम्बेडकर जयन्ती एक साथ है. इसी के साथ खरमास की समाप्ति हो जाएगी।
सतुआन भोजपुरी संस्कृति के काल बोधक पर्व है. हिन्दू पतरा में सौर मास के हिसाब से सूरज जिस दिन कर्क रेखा से दक्षिण के ओर जाता है उसी दिन यह पर्व मनाया जाता है. बिहार में इस पर्व को खास तरीके से मनाया जाता है. इस दिन लोग गंगा में स्नान करते हैं और दान पुन्य का काम करते हैं. इस दिन पितरों को सन्तुष्ट करने के लिये सत्तू, गुड़, चना, पँखा, मिट्टी का घड़ा, आम, फल आदि का दान पंडितों के बीच किए जाने की परम्परा है. शुक्रवार  को सौम्य गोल मे सूर्य होगे, शिव मन्दिरों में आज से ही घड़ों मे पानी भरकर शिवलिंग पर लगा दिया जाता है.


इस पर्व के अनेक वैज्ञानिक कारण भी है