अक्षय तृतीया माहात्म्य व उस दिन क्या है विशेष महत्व और मेषादि राशियों पर क्या है प्रभाव जाने ...! 


लखनऊ। महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान"ट्रस्ट”के ज्योतिषाचार्य पं.राकेश पाण्डेय  
अक्षय तृतीया दिनांक 26-04-2020 रविवार वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया को अक्षय तृतीया का पुण्य पर्व मनाया जाता है । इस दिन रविवार का दिन रोहिणी नक्षत्र व शोभन योग मिल रहा है ।मध्याह्न काल में तृतीया तिथि होना अत्यन्त शुभ माना गया है इस दिन समुद्र स्नान व मध्याह्न काल में सत्तू,शर्करा,जल व्यजन (पंखा )दान का विशेष महत्व है । मध्याह्न काल में चन्द्रमा वृष के रहेंगे साथ ही रोहिणी नक्षत्र व शोभन योग रहेगा । 
तृतीया तिथि दिवा 11:14 तक व दिवा 10:42 से 01:00 तक कर्क लग्न है अतः इस लग्नानुसार मेष,सिंह,वृश्चिक,तुला,वृष राशियों के लिए अत्यंत शुभ होगा । इसी दिन आदि शक्ति जगदम्बा जब बाल्यावस्था में थी उस समय ऋषियों ने उन्हें अक्षय पात्र दिया और यह वर भी दिया की इसमें रखा हुआ अन्न कभी भी पूर्ण रहेगा अतः जन साधारण को चाहिए की वो अक्षय तृतीता के दिन उपरोक्त लग्न में पीतल के पात्र में गोदूग्ध से खीर बनाकर भगवती अन्नपूर्णा को भोग लगाकर सभी परिवारीजनों को वितरित करें पश्चात उस पात्र में चावल या गेहू( कनक ) भरकर रख देवें परिणाम स्वरुप एक वर्ष तक घर में भोजन की कमी नहीं होगी व सबका आपसी सामंजस्य बना रहेगा ।
उपरोक्त तिथि में किसी भी शुभ कार्य को आरम्भ करने से अभीष्ट की प्राप्ति होती है ।।