सूर्य प्रकाश गुप्ता
गोरखपुर। दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन
8-14 दिसंबर तक चंपा देवी पार्क में किया जाएगा। सात दिवसीय कथा में आशुतोष महाराज
की परम शिष्या विश्व विख्यात कथा वाचक साध्वी आस्था भारती जी के मुखारबिंद से श्रद्धालु
भागवत कथा का रसपान करेंगे। रोजाना दोपहर एक से पांच बजे तक कथा का आयोजन होगा।
इसके लिए चंपा देवी पार्क में भव्य पांडाल लगाया गया है। एक साथ 15000 से अधिक श्रद्धालु
कथा को सुनकर निहाल हो सकेंगे।
ये सूचना शुक्रवार को चंपा देवी पार्क में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान दिव्य ज्योति
जागृति संस्थान के कार्यक्रम संयोजक स्वामी सुमेधानंद, गोरखपुर शाखा संयोजक स्वामी अर्जुनानंद,
मुख्य यजमान व्यापारी कल्याण बोर्ड के प्रदेश उपाध्यक्ष पुष्पदंत जैन, तुलस्यान फार्मा के
राजेश कुमार तुलस्यान और रामनक्षत्र सिंह ट्रेडर्स के महेंद्र सिंह ने संयुक्त रूप से दी है।
उन्होंने बताया कि संस्था की स्थापना वर्ष 1983 में आशुतोष जी महाराज ने की थी। यह
संस्थान सामाजिक, आध्यात्मिक और कल्याणकारी कार्यों के लिए प्रतिबद्ध है। संस्थान
नेत्रहीन, दिव्यांग व्यक्तियों को रोजगार देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाती है। जिसके अंतर्गत
पुर्नवास कार्यक्रम भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि ये कथा संस्थान के नशा उन्मूलन
कार्यक्रम बोध को समर्पित है। जिसका उद्देश्य लोगों को नशे के दुष्परिणामों के अवगत करा
नशा मुक्त समाज की स्थापना करना है।
पूरे देश में संस्थान की 350 शाखाएं हैं जिनमें लगभग दस हजार सन्यासी काम कर रहे हैं। विश्व के
15 देशों में संस्थान की शाखाएं उपलब्ध है। कथा की शुरूआत आठ दिसंबर को शोभायात्रा के
साथ होगी। ये शोभायात्रा नगर निगम से शुरु होकर टाउन हॉल, शास्त्री चौक, अम्बेडकर चौक, छात्रसंघ चौराहा होते हुए चंपा देवी पार्क में सम्पन्न होगी। उसके बाद विधिवत पूजन अर्चन के साथ कथा की शुरुवात होगी। उन्होंने बताया कि
संस्थान की ओर से भागवत कथा, रामकथा, गौकथा, कृष्ण कथा, शिव कथा, भजन
संध्या, चौकी, जागरण सरीखे आध्यात्मिक आयोजन किए जाते हैं।
- रामकथा के अहम पहलू:-
1. चंपा देवी पार्क में आयोजित होने वाली कथा के दौरान भी सामाजिक सरोकारों से जुड़े
भ्रुण हत्या, गौ हत्या, देशभक्ति, पर्यावरण, बच्चों के संस्कार सरीखे विषयों के माध्यम से
जागरूकता फैलाई जाएगी।
2. हजारों की संख्या में युवाओं को शुभ संस्कार मिलेंगे। सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा।
3. ध्यान के दो विशेष शिविर चलाए जाएंगे। जिसमें भक्तों को ब्रह्मज्ञान प्रदान किया जाएगा।
4. हजारों श्रद्धालुओं को प्रसाद का वितरण किया जाएगा।
5. सामाजिक समरसता का बहुत बड़ा कार्यक्रम जिसमें सभी बिरादरी के भक्त एक साथ पूजन करेंगे।
- ये कार्यक्रम होंगे
8 दिसंबर- भागवत महात्मय, गोकर्णोंपाख्यान
9 दिसंबर- परीक्षित का अनशन व्रत और शुकदेव जी आगमन, सती अग्नि प्रवेश व महादेव द्वारा दक्ष यज्ञ की पूर्ति
10 दिसंबर - भक्त ध्रुव का संकल्प यात्रा, नंद उत्सव की धूम
11 दिसंबर- नन्हें कान्हा की बाल लीलाएं, माखन लीला गोवर्धन पूजन
12 दिसंबर- ब्रजवासियों द्वारा प्रभु की विदाई, मथुरा में तारनहार का अभिवादन
13 दिसंबर- वृंदावन वासियों द्वारा कृष्ण स्मरण, रूक्मिणी श्रीकृष्ण परिणय इत्यादि
14 दिसंबर- श्रीकृष्ण स्वधामगमन, परीक्षित की परमगति इत्यादि
15 दिसंबर- विश्व शांति के लिए हवन