गोहरिया करे 'अंजल हो....!

 



 


गोरखपुर।"दुनिया पर आइल बा अफतिया, कोरोना के विपतिया न हो.....गोहरिया करे 'अंजल' हो......"
कोरोना जैसी भयानक महामारी से जागरूकता के ये गीत जब करुण रस में उनके सुरीले कंठ से फूटते हैं तो ऐसा लगता है मानो साक्षात रागिनियाँ मूर्तिमान हो उठी हों।
यकीन मानिए सिर्फ यही नही,गीत,ग़ज़ल,माता की भेंटें,चैता, फगुवा,यानी लोकसंगीत की कोई भी विधा, उनके कंठ में आकर जब प्रस्फुटित होती है तो मानो उस मौसम के सभी रंग साकार से हो जाते हैं।
हम बात कर रहे हैं गोरखपुर की बेटी,महराजगंज की बहू और पूर्वांचल से सबसे सशक्त स्वरों में अपनी साधना से सबसे विशिष्ट स्थान रखने वाली अंजली पाठक 'अंजल' की।जिनके सुर सरिता ने संगीत प्रेमियों के तृषित कानों को मानो अमृत कलश थमा दिया है।सोशल मीडिया पर सक्रिय और अपने लाइव वीडियो और यू-ट्यूब चैनल से श्रोताओं के दिलों को छू लेने वाली इस सुमधुर गायिका ने अपने मंचीय कार्यक्रमों में भी बेपनाह सफलता अर्जित की है।
दो भाइयों की इस लाडली बहन ने घर में गीत संगीत का जो माहौल पाया वो और निखर गया जब म्यूजिक डायरेक्ट पति ने उनके इस शौक को उनका जुनून बना देने के लिए पूरा समर्थन और प्यार दिया।फिर क्या था! जिस कोयल को कूकने के लिए अनुकूल मौसम का इंतज़ार रहता था,उसने इतना स्नेह समर्थन और प्यार पाकर अपने हौसलों से सारे मौसमों को अपना हमराह बनने के लिए मजबूर कर दिया।आज लोकगीत का कोई ऐसा मशहूर मंच नहीं जो अंजली की सुरीली आवाज से अछूता हो।उनकी मौजूदगी न सिर्फ लोक गीत को बल्कि 'लोक' को झूमने पर मजबूर कर देती है।
अपने बारे में बताने के लिए पूछने पर अंजली बहुत शालीनता और संकोच से बस इतना कहती है कि बचपन के अभाव को स्वर्गीय पिता श्री सरजू लाल मिश्र ने अपने प्यार और हौसलों से कभी महसूस नहीं होने दिया।सच पूछिए तो उनके ही आशीर्वाद, स्नेह,और संबल ने मुझमें आरम्भ से ही इतना आत्मविश्वास भर दिया कि आगे की मंज़िल कितनी भी दुरूह दिखती मगर हौसले कभी पस्त नही होने पाते।उसके बाद दोनों भाई भी पूरी मज़बूती के साथ हमारे साथ खड़े रहे।शायद इसी संकल्प और साधना का प्रतिफल ये मिला कि शादी भी ऐसे परिवार में हुई जहाँ गीत संगीत को एक सम्मानित स्थान हासिल था।पति म्यूज़िक डायरेक्टर थे इसलिए संगीत की कई बारीकियों को समझने,सीखने और आत्मसात करके निखारने का अवसर मिला।आज मुझे श्रोताओं का जो इतना प्यार,विश्वास और समर्थन मिल रहा है,यकीन मानिए इसमे मेरे साथ मेरे परिवार और उन सारे सहयोगियों और श्रोताओं के भी आशीर्वाद यकीनन शामिल है।
भविष्य की योजनाओं पर बात करते हुए अंजली बताती हैं कि मंचीय कार्यक्रम जारी रहेंगे क्योंकि व्यक्ति कितना भी ऊँचा मुकाम हासिल कर ले मगर उसे अपनी जड़ों को नहीं छोड़ना चाहिए।साथ ही सोशल मीडिया पर लाइव शो,यूट्यूब पर वीडिओज़,और जगराता तथा लोकगीत के कार्यक्रम पर पूरा फोकस रखना है।सब कुछ ठीक रहा तो श्रोतागण मुझे प्लेबैक सिंगर के रूप में भी प्यार देंगे,भविष्य में ऐसी भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।