एक पल तो हमें जीने दो जीने दो

 


प्रीति पाण्डेय


जीवन की भागम भाग जैसे थम सी गई है। डेली रूटीन जैसे ख़त्म हो गया है। अक्सर आपने पहले कई लोगों को कहते सुना होगा कि सब कुछ है बस सुकून नहीं है वही रोज की भागम भाग जिसमे न अपने लिए और न ही अपनों के लिए समय मिलता है। छुट्टी भी कब निकल जाती है पता ही नहीं चलता। कुछ दिनों की छुट्टी ले कर कहीं घूमने भी चले जाओ तो कम समय में ज्यादा से ज्यादा घूमने के चक्कर में वहां भी सुकून नहीं मिल पाता। 
यह बात किसी एक की नहीं बल्कि  हम सभी का यही हाल है हम लोग आज को कल के लिए जीते हैं।  जबकि वो कल किसी ने नहीं देखा। जल्दी सो जाओ क्यूंकि कल जल्दी उठना है,  घर के सारे काम आज ही निपटा लो क्यूंकि कल ऑफिस जाना है। आज खूब कमाना है ताकि कल अच्छा बीते। आज बच्चों को अच्छे से पढ़ाएंगे तभी कल वह कुछ बन पाएंगे। कुल मिलाकर आज हमारा कोल्हू का बैल बनने के लिए ही बना है और जिस कल के लिए हम अपना आज जी नहीं पाते वह कल कई बार हम देख ही नहीं पाते। घर है फिर भी बड़ा घर चाहिए, गाड़ी है फिर बड़ी गाड़ी चाहिए, महंगा फोन, ब्रांडेड कपड़े, स्टैण्डर्ड लिविंग स्टाइल, इन सबको कमाने के लिए हमारे हाथों से कब आज फिसल जाता है पता ही नहीं चलता। चाहे आर्थिक स्थिति कैसी ही क्यों न हो लोगों के सामने बनावटी जिंदगी जीते जीते हम इस बनावटी दुनिया में जैसे खो से जाते हैं। पैसे के पीछे भागते भागते कब पैसा हमें भगाने लगता है यह सोचने का समय हमारे पास तक नहीं होता। धनी बनते-बनते आंतरिक मन से हम निर्धन हो जाते हैं। 


लेकिन इन दिनों आपसे धनी कोई और नहीं क्यूंकि आपके पास सुकून ही सुकून है. महंगे कपडे, गाड़ी, पैसा फूकने के लिए कोई साधन आज किसी की कोई जरूरत नहीं। लेकिन आज आपके पास न केवल अपने लिए बल्कि सबके लिए समय है।  किसी को कुछ दिखाना नहीं सिर्फ अपने लिए जीना और अपने आपको भरपूर समय देना। शायद हम जीवन से यही तो मांग रहे थे फिर अब इतने बेचैन क्यों हैं ? क्यों हम आज को फिर नहीं जी रहे ? क्यों हम फिर से कल के लिए परेशान हैं ? जबकि कल आपके हाथों में न पहले था और न ही अब है शायद कभी होगा भी नहीं।  कल जब किसी ने नहीं देखा तो हम और आप कैसे देख सकते हैं। यह 21 दिन और यह समय आपको शायद ही जीवन में फिर से मिले? आपने कभी कल्पना भी नहीं की होगी कि पूरा देश एक दिन अपने ही घर में कैद हो जाएगा. उसे बोला जाएगा कि अपने घर पर रहो।  आपको काम से निकलने के लिए पुलिस आपको मारेगी या आपको घर पर रहने की हिदायत देगी. आपसे देश का प्रधानमंत्री बार बार यही कहेंगे कि कुछ मत करो केवल घर पर रहो। 
आखिर क्या चाहते हैं हम अपने आपसे ? जो चाहते थे वह मिल गया तो भाई रोना किस बात का ? अगर आप आज में जियेंगे तभी तो कल देख पाएंगे। आज आप स्वस्थ है तभी आपका कल स्वस्थ होगा।