मुख्यमंत्री के कलुआ डॉग ने खोली नगरनिगम की कलई


गोरखपुर। पशुप्रेम के सवाल पर वायरल हो रहे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कलुआ डॉग ने तो गोरखपुर नगरनिगम की क्रियाकलापों की कलाई खोलकर रख दी। स्थिति यह है कि गोरखपुर के नगर विधायक, मेयर समेत मुख्यमंत्री जी के कलुआ डॉग तक का नाम नगरनिगम में पंजीकृत नही है। ऐसी हालत में अब अन्य माननीयों के द्वारा भी नियम के प्रति उदाशीनता चिंता का विषय है।
हुआ यूं कि गोरखपुर महोत्सव के दौरान डॉग शो का आयोजन हुआ। बतौर मुख्यातिथि पहुंचे तो गोरखपुर जनपद के सहजनवां विधानसभा क्षेत्र से विधायक शीतल पांडे का पशुप्रेम उछल आया। उन्हें पशुधन नही याद आया जबकि डॉग शो के दौरान नश्ल पर काम हो रहा था। 
इस दौरान ये डॉग नगरनिगम में पंजीकृत है कि नहीं ? के सवाल पर विधायक श्री पांडे ने इसके डिटेल के लिए निदेशक पशुपालन की ओर इशारा किया। निदेशक से जब यह पूछा गया कि डॉग को शो में शामिल होने के लिये नगर निगम में पंजीकृत करना अनिवार्य किया गया होता तो इसका लाभ नगर निगम को मिलता। निदेशक को सांप सूंघ गया और विधायक के पीछे लग मुस्कराते हुए आगे बढ़ लिए। 
अब सवाल उठा कि नगर विधायक राधा मोहनदास अग्रवाल के उस देसी पिल्ले की स्थिति क्या है जिसको कुछ दिन पहले गोद मे उठाकर अंदर ले जाते हुए बिना नाम लिए मुख्यमंत्री के कलुआ की ओर इशारा करते हुए कहा मैं नकली राष्ट्रवादी नही हूँ कि विदेसी कुत्ता पालू। फिलहाल वह भी नगरनिगम में पंजीकृत नही है। अब मेयर के डॉग की बारी आई तो सारी नगरनिगम की कलई ही खुल गयी। नगरनिगम के रजिस्टर में कुल 14 कुत्तों का पंजीकरण 2018 से अबतक हुआ है जिसमें न तो मेयर सीताराम, नगर विधायक के कुत्ते का हिसाब मिला और न ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कलुआ का। जबकि डॉग शो के दौरान सवा सौ की संख्या में पालतू कुत्ते शामिल हुए थे।