लाठी फेक मुकाबला भारतीय संस्कृति को दर्शाता हैं : इकरार अहमद

 




 गोरखपुर।लाठी फेक मुकाबला भारतीय संस्कृति को दर्शाता है तथा आत्मरक्षा का एक मजबूत आधार है। ऐसे खेलों को सबल बनाने के लिए सभी अखाड़ो को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। यह बातें दरगाह मुबारक खां शहीद (र0अ0) कमेटी के अध्यक्ष इकरार अहमद ने मुहर्रम की छठवीं तारीख को हुसैनी अखाड़ा इस्माईलपुर तकिया के तत्वावधान में आयोजित लाठी फेंक मुकाबला में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि लाठी का खेल भारत का सदियों पुराना खेल रहा है। जिससे बीते दौर में व वर्तमान समय में इसकी प्रसांगिकता बढ़ी है।  लाठी का खेल भारतीयता का लोकप्रिय खेल है। इस खेल को पल्लवीत करने के लिए सभी अखाड़ो के उस्तादों को पूरी निष्ठा के साथ अपनी टीम को प्रभावशाली बनाना चाहिए। 
 लाठी फेंक मुकाबला में मुहल्ले के वरिष्ठ जनों को हुसैनी अखाड़ा की ओर से माल्यार्पण के साथ शाल व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वालों में अली हुसैन (नेता जी), उस्ताद शब्बीर अहमद, अजीमुल्लाह (मुल्ला भाई), अब्दुल कलाम कुरैशी, मुहम्मद शफीक, मुहम्मद हुसैन कुरैशी (चैधरी साहब), नासिर अली डल्लू, शमशाद अहमद (फूलभाई) एवं समीउल्लाह अंसारी आदि प्रमुख रहे। 
 लाठी फंेक मुकाबला में मेजबान हुसैनी अखाड़ा इस्माईलपुर तकिया उस्ताद शब्बीर अहमद, हुसैनी अखाड़ा रानीडीहा उस्ताद रहमत अली, कादरी अखाड़ा पिपराईच उस्ताद जकाउल्लाह, सोनवे गोलरहा पिपराईच उस्ताद सुलेमान, अली अखाड़ा सेमरा न0-1 उस्ताद सद्दाम अहमद, हैदरी अखाड़ा बड़गों उस्ताद शहादत, अकबर अखाड़ा तिघरा पीजीगंज उस्ताद ताल्लुकदार, घोसीपुरवा नकहा अखाड़ा उस्ताद इमरान, हाशमी अखाड़ा भटहट बैलो उस्ताद खैरूल्लाह, जाफरा बाजार अखाड़ा उस्ताद आरिफ, हुसैनी अखाड़ा चकसा हुसैन उस्ताद अब्बास, असगर अखाड़ा बिछिया उस्ताद अशरफ अली एवं अली अखाड़ा डिबिया उस्ताद रहमत अली व रफीक को लाठी फेंक मुकाबला में अच्छे प्रदर्शन के लिए हुसैनी अखाड़ा ने सम्मानित किया।
 कार्यक्रम संयोजक हाजी कलीम अहमद फरजन्द ने सभी अतिथियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि लाठी फेंक मुकाबला परम्परागत है। इस खेल को अखाड़ो के उस्तादों को अधिक ध्यान देकर अखाड़ो को मजबूती प्रदान करना चाहिए। संचालन मुर्तजा हुसैन रहमानी ने किया। इस अवसर पर सीओ एलआईयू, जगदीश सिंह, एलआईयू इस्पेक्टर कविता सिंह, पार्षद शहाब अंसारी, पार्षद उजैर अहमद, राम यादव, अरूण सिंह, सरदार जसपाल सिंह, प्रवीण श्रीवास्तव, अब्दुल्लाह, शकील अहमद अंसारी, सैयद शहाब अहमद, सैयद शमसुल आरफीन, आबिद अली, मंसूर आलम, एजाज गोरखपुरी, बाॅबी, सिकन्दर, रमजान, फिरोज अहमद रंगरेज, कुतुबुद्दीन, मेराज अंसारी मुहम्मद सादिक कलीम, मुहम्मद शादाब साद, परवेज आलम, शहजादे, अजमल, अबरार, शाहरूख, ताबिश, छोटे, चन्दन, रिंकू एवं गोलू सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।