अब भी जिंदा है यहां गंगा जमुनी तहजीब

 


 


हिन्दू व मुस्लिम समुदाय ने मिलकर निकाला मुहर्रम का जुलूस



  • गोरखपुर । देश व प्रदेश का माहौल चाहे जैसा भी हो लेकिन अपने शहर गोरखपुर में अहमद के ताज़िये को राम ने कंधा देकर ये बता दिया कि यहां अब भी गंगा जमुनी तहज़ीब ज़िंदा है। अब भी यहां दीवाली में अली के और रमज़ान में राम के बिना एक दूसरे के पर्व पूरे नही होते। 
    मामला शाहपुर थानान्तर्गत झरनाटोला में मुहर्रम की 10वीं तारीख को इमाम चौक से निकलने वाले परम्परागत जुलूस का है। यहां हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदाय हमेशा मिलकर ताजियादारी करते चले आये हैं।
    लेकिन इस बार यहाँ मुहर्रम का जुलूस निकालने को लेकर कुछ अड़चन आ गई थी।
    हुआ यह की यहां के मतवल्ली ने तबियत खराब होने का हवाला देकर मुहर्रम का जुलूस निकालने से मना कर दिया था।
    यह खबर जब स्थानीय हिन्दू समुदाय को मिली कि इस बार जुलूस नही निकलेगा तो कुछ लोगों ने सामने आकर मुस्लिम समुदाय का सहयोग किया। वह चाहते थे कि वहां ताज़िया रखी जाए और जुलूस भी निकले। मगर जुलूस निकालने की पुलिस व प्रशासनिक स्तर की कार्यवाही मुहर्रम की नौ तारीख तक पूरी नही थी । ऐसे में झरना टोला इमाम चौक से जुलूस निकलना मुश्किल लगने लगा । 
    लेकिन जब हिन्दू समुदाय के कुछ स्थानीय लोगों ने मुस्लिम समुदाय के लोगों का उत्साहवर्धन किया और खुद जुलूस निकलवाने में आगे आये तो बात वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ0 सुनील गुप्ता तक पहुंची। 
    स्थानीय लोगों का उत्साह और दो समुदाय के लोगों द्वारा मिलकर जुलूस निकालने जाने की बात से प्रभावित होकर उन्होंने एसपी सिटी डॉ0 कौस्तुभ और सीओ गोरखनाथ प्रवीण सिंह के माध्यम से मामले को समझते हुए कुछ शर्तों के साथ जुलूस निकाले जाने की सहमति दे दी। 
    अब मामला प्रशासनिक पाले में था और जुलूस के लिए एडीएम सिटी या एसडीएम की अनुमति ज़रूरी थी। 
    बहरहाल एसपी सिटी और सीओ गोरखनाथ के प्रयासों से अनुमति मिल गई और मुहर्रम की 10वीं तारीख को गंगा जमुनी तहज़ीब समेटे जुलूस अपनी पूरी शानों शौक़त के साथ निकला।
    जुलूस के दौरान समाजसेवी राम यादव व संजय यादव और उनकी टीम व बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक शामिल रहे।